3156.*पूर्णिका*
3156.*पूर्णिका*
🌷 यूं जान देती है कविता🌷
2212 22 22
यूं जान देती है कविता।
पहचान देती है कविता।।
दुनिया यहाँ बदले हरदम।
बलिदान देती है कविता।।
बरसात खुशियों की बरसे।
अरमान देती है कविता।।
महके खिले गुलशन प्यारा ।
गुलदान देती है कविता ।
साकार सपनें कर खेदू ।
ईशान देती है कविता।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
21-03-2024गुरुवार