3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
🌷 मीठे बोल ही बोले🌷
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मीठे बोल ही बोले।
घुलमिल घोल ही घोले।।
अपना क्या यहाँ देखो।
दुनिया झोल ही झोले।।
दिल खाली खजाना है ।
खाली खोल ही खोले।।
बदले रंग यूं मौसम ।
मन में गोल ही गोले।।
पनघट की डगर खेदू।
जल अनमोल ही मोले।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-03-2024रविवार