3117.*पूर्णिका*
3117.*पूर्णिका*
🌷 मेरे करीब जो आते हैं🌷
2212 122 22
मेरे करीब जो आते हैं।
सच खुशनसीब हो जाते हैं ।।
रंगीन है यहाँ कुदरत भी।
दुनिया हसीन हो जाते हैं ।।
पग चूमती हसरतें मंजिल ।
शानी हबीब हो जाते हैं ।।
हासिल मुकाम दामन देखो।
अपना रकीब हो जाते हैं ।।
मतलब नहीं जहाँ कुछ खेदू।
इंसां मुजीब हो जाते हैं।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार