Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 1 min read

3114.*पूर्णिका*

3114.*पूर्णिका*
🌷 मौसम का रंग पल पल बदलता रहता🌷
22 2212 2212 22
मौसम का रंग पल पल बदलता रहता ।
अपना मन देख चंचल मचलता रहता ।।
पाकर लगता अच्छा दामन यहाँ देखो।
नेकी करते बुरे दिन निकलता रहता।।
मंजिल अपनी डगर रखते नजर हरदम।
वक्त भी खोकर यहाँ हाथ मलता रहता।।
करते परवाह भी यूं जान से ज्यादा।
जीवन प्यारा जहाँ साथ चलता रहता ।।
रखते दिल में सभी बस हौसला खेदू।
सुंदर सपनें जहाँ रोज पलता रहता ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार

93 Views

You may also like these posts

शिक्षण और प्रशिक्षण (लघुकथा)
शिक्षण और प्रशिक्षण (लघुकथा)
Indu Singh
बेज़ुबान पहचान ...
बेज़ुबान पहचान ...
sushil sarna
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
*तेरी मेरी कहानी*
*तेरी मेरी कहानी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
नई कली
नई कली
शिवम राव मणि
अंधेरे की रोशनी हो तुम।
अंधेरे की रोशनी हो तुम।
Rj Anand Prajapati
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
भारत में धार्मिक राजनीति प्रबल है यहां मंदिर और मस्जिद का नि
Rj Anand Prajapati
3056.*पूर्णिका*
3056.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री कृष्ण जन्म
श्री कृष्ण जन्म
Mahesh Jain 'Jyoti'
"बिना पहचान के"
Dr. Kishan tandon kranti
कुंडलिनी
कुंडलिनी
Rambali Mishra
3. Cupid-Struck
3. Cupid-Struck
Ahtesham Ahmad
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
तुम मिले भी तो, ऐसे मक़ाम पे मिले,
तुम मिले भी तो, ऐसे मक़ाम पे मिले,
Shreedhar
*प्रकृति-प्रेम*
*प्रकृति-प्रेम*
Dr. Priya Gupta
क्या तुम्हें लगता है कि
क्या तुम्हें लगता है कि
gurudeenverma198
समस्या से समाधान तक
समस्या से समाधान तक
शिव प्रताप लोधी
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वो पगली
वो पगली
Kshma Urmila
रक्षा दल
रक्षा दल
Khajan Singh Nain
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
🇮🇳हमारे बूढ़ पुरनिया एक कहावत कहते थे।❤️ जो बचपन में बहुत सु
🇮🇳हमारे बूढ़ पुरनिया एक कहावत कहते थे।❤️ जो बचपन में बहुत सु
Rituraj shivem verma
मंजिल और कीमत
मंजिल और कीमत
Ragini Kumari
शिक्षक (बाल कविता)
शिक्षक (बाल कविता)
Ravi Prakash
विषय-मन मेरा बावरा।
विषय-मन मेरा बावरा।
Priya princess panwar
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
Loading...