3112.*पूर्णिका*
3112.*पूर्णिका*
🌷 जैसा तेरा मन है🌷
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जैसा तेरा मन है ।
वैसा मेरा मन है ।।
हरदम महके दुनिया।
अपना मस्त दामन है ।।
करते हम प्यार यहाँ ।
सुंदर सा जीवन है ।।
हमदम साथी मेरे।
देखो मनभावन है ।।
तारे खेदू भव से।
सतगंगा पावन है ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार