3111.*पूर्णिका*
3111.*पूर्णिका*
🌷 दुनिया के रंग यहाँ सुंदर🌷
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दुनिया के रंग यहाँ सुंदर ।
जीने का ढंग यहाँ सुंदर।।
मंजिल मिलती है चाहत से।
संघर्ष की जंग यहाँ सुंदर।।
चमके सच में भाग्य सितारें ।
सपनें भी दंग यहाँ सुंदर।।
वक्त अपना है देखो यारों ।
रोज नियम भंग यहाँ सुंदर ।।
माटी का लाल बने खेदू।
प्यारा सा अंग यहाँ सुंदर।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार