3106.*पूर्णिका*
3106.*पूर्णिका*
🌷 झूठ फरेब का जमाना है🌷
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झूठ फरेब का जमाना है ।
पैसा बस यहाँ कमाना है ।।
इंसां बदलते नजर आते।
अपनी बुद्धि कहाँ लगाना है ।।
रखते नफरतें मुहब्बत जहाँ ।
बनके सब दुश्मन मिटाना है ।।
तरक्की कौन कर दिखा जाते।
आगे कब बढ़े भगाना है ।।
सीखे है सबक जरा खेदू।
महके रोज मन सजाना है ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-03-2024सोमवार