Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2024 · 1 min read

3104.*पूर्णिका*

3104.*पूर्णिका*
🌷 मतलबी लोग मिलते हैं🌷
212 212 22
मतलबी लोग मिलते हैं ।
आज संयोग मिलते हैं ।।
खूबसूरत देखो दुनिया।
बस छप्पन भोग मिलते हैं ।।
सोच रखते नहीं नेकी ।
देख उपयोग मिलते हैं ।।
शांत मन है कहाँ अपना ।
रोज उपभोग मिलते हैं ।।
सच यहाँ साफ दिल खेदू।
जोग संजोग मिलते हैं ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-03-2024सोमवार

1 Like · 90 Views

You may also like these posts

उमंग
उमंग
Akash Yadav
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
gurudeenverma198
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
अध्यापिका
अध्यापिका
Shashi Mahajan
गर हो जाते कभी किसी घटना के शिकार,
गर हो जाते कभी किसी घटना के शिकार,
Ajit Kumar "Karn"
शूद्र नहीं, हम शुद्ध हैं
शूद्र नहीं, हम शुद्ध हैं
Shekhar Chandra Mitra
कठिन पथ पर
कठिन पथ पर
surenderpal vaidya
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
Bidyadhar Mantry
दीपावली
दीपावली
अनिल "आदर्श"
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
साजे दिल तोड़ के आवाज़ की बातें न करो
साजे दिल तोड़ के आवाज़ की बातें न करो
Kanchan Gupta
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
मां से याचना
मां से याचना
अनिल कुमार निश्छल
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"जिस बिल्ली के भाग से छींका टूट जाए, उसे कुछ माल निरीह चूहों
*प्रणय*
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
3578.💐 *पूर्णिका* 💐
3578.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अन्वेषा
अन्वेषा
Deepesh Dwivedi
"जिन्दगी के सफर में"
Dr. Kishan tandon kranti
ले हौसले बुलंद कर्म को पूरा कर,
ले हौसले बुलंद कर्म को पूरा कर,
Anamika Tiwari 'annpurna '
"मैं सोच रहा था कि तुम्हें पाकर खुश हूं_
Rajesh vyas
पंकज बिंदास कविता
पंकज बिंदास कविता
Pankaj Bindas
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
If you can't defeat your psyche,
If you can't defeat your psyche,
Satees Gond
सुलेख
सुलेख
Rambali Mishra
Loading...