3064.*पूर्णिका*
3064.*पूर्णिका*
🌷 मेरे सपनों में मंजिल रहती है🌷
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मेरे सपनों में मंजिल रहती है।
तू करले मुझको हासिल कहती है।।
करते जब खून पसीना एक जहाँ।
हरदम खुशियों की नदियाँ बहती है ।।
जो काँटों पर चलते आगे बढ़ते।
दुख भी अपनी पीड़ाएं सहती है ।।
देखो तो हार नहीं माना हमने ।
मंसूबो से मीनारें ढ़हती है ।।
दुनिया बदले है प्यार यहाँ खेदू।
यूं दिल की चाहत अपनी चहती है ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
02-03-2024शनिवार