3062.*पूर्णिका*
3062.*पूर्णिका*
🌷 ज्ञान चक्षु खोला करो🌷
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ज्ञान चक्षु खोला करो।
मुँह से बोला करो ।।
राह चलते जिंदगी ।
प्रेम रस घोला करो ।।
देखते अपने यहाँ ।
मन जरा तोला करो ।।
प्रार्थना दिल से जहाँ ।
रोज बम भोला करो ।।
बस मुठ्ठी खेदू जहाँ ।
गोल क्या गोला करो ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-03-2024शुक्रवार