3048.*पूर्णिका*
3048.*पूर्णिका*
🌷 पूरी मन्नत हो गई 🌷
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पूरी मन्नत हो गई ।
जहन्नुम जन्नत हो गई ।।
खुशियाँ भरी जिंदगी।
दुनिया जन्नत हो गई ।।
खिल के कली महकती ।
बगियां जन्नत हो गई ।।
नफरत मिटी चाह से।
मुहब्बत जन्नत हो गई ।।
मेहनत खेदू जहाँ ।
मंजिल जन्नत हो गई ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-02-2024बुधवार