3024.*पूर्णिका*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/5a2fadbba30b4208cf49b8fa15fa4668_3c975345cae17372b449ee0289aa5278_600.jpg)
3024.*पूर्णिका*
🌷 मेरी पहचान हो तुम
22 22 122
मेरी पहचान हो तुम ।
मेरी अरमान हो तुम ।।
दुनिया बस जिंदगी की ।
सच मेरी जान हो तुम ।।
रखते ख्वाहिश निहायत ।
आन यहाँ शान हो तुम ।।
पाकर तुझको कहे क्या।
मेरी अभिमान हो तुम ।।
नाता खेदू जन्मों का ।
करते कुरबान हो तुम ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
18-02-2024रविवार