3012.*पूर्णिका*
3012.*पूर्णिका*
🌷 जब कोई दिल को भाने लगे
22 22 22 212
जब कोई दिल को भाने लगे।
खुद अपना प्यार लुटाने लगे।।
ये जीवन सरगम संगीत सा।
नगमे गा गीत तराने लगे।।
झूमे नाचे गाए ये जहाँ ।
सपने बुन ध्यान लगाने लगे।।
फूलों की घाटी मन मोहती।
हम बगियां रोज सजाने लगे।।
जिनसे खेदू अपनी धड़कनें ।
देखो दुनिया महकाने लगे।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-02-2024गुरुवार