3010.*पूर्णिका*
3010.*पूर्णिका*
🌷 अपना तुझे माना यहाँ
2212 2212
अपना तुझे माना यहाँ ।
अपना मुझे माना यहाँ ।।
ये जिंदगी है महकती।
दुनिया जिसे माना यहाँ ।।
चलते रहे बस राह पर ।
वास्ता रखे माना यहाँ ।।
मिलता वही जो चाहते।
तकदीर में माना यहाँ ।।
संवारते खेदू जुबां।
सपना उसे माना यहाँ ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-02-2024गुरुवार