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12 Feb 2024 · 1 min read

3001.*पूर्णिका*

3001.*पूर्णिका*
🌷 जिंदगी की राह में बढ़ते रहे
212 2212 2212
जिंदगी की राह में बढ़ते रहे।
रोज अपनी नव जहां गढ़ते रहे।।
बदलते इतिहास भी यूं सोच से ।
सफलता के शिखर सच चढ़ते रहे।।
रौशनी खिलती जहाँ मन भी वहाँ ।
हीर की तरह हरदम कढ़ते रहे।।
ये हमें किस बात की चिंता यहाँ ।
साथ जब तेरे, किस्मत मढ़ते रहे ।।
एहसासों की नदी खेदू बहे।
ये जहाँ बस जिंदगी पढ़ते रहे।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-02-2024सोमवार

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