2999.*पूर्णिका*
2999.*पूर्णिका*
🌷 जैसे देश वैसे परिवेश
22 212 2221
जैसे देश वैसे परिवेश ।
देते मानवता का संदेश।।
दुनिया महकते सुंदर बाग ।
सच देती बना नियति नरेश।।
मौसम बदलते हरपल आज।
देता जिंदगी रोज दिनेश।।
सब गम भूल के खुशियां बांट ।
आती मंजिलें देख मनेश ।।
हरदम चमकते खेदू किस्मत।
बस यूँ नाचते करते ऐश।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-02-2024रविवार