2991.*पूर्णिका*
2991.*पूर्णिका*
🌷 मुफ्त मिली चीजों का कदर नहीं होता
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मुफ्त मिली चीजों का कदर नहीं होता ।
मतलबी ये दुनिया असर नहीं होता ।।
है बड़े जालिम आज जमाना सच में।
देख यूं साथ गुजर बसर नहीं होता ।।
चोट लगती है तो खूब लगे हरदम।
सफर में कोई हमसफर नहीं होता ।।
बस कटे गरदन अपने परवाह किसे।
प्यार में देखो दिल शजर नहीं होता ।।
भूल जाते हैं अपना समझे खेदू।
बेहया पाक यहाँ नजर नहीं होता ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
08-02-2024गुरुवार