2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
🌷 चलो कुछ ऐसा काम करते हैं
1222 22 1222
चलो कुछ ऐसा काम करते हैं।
जहां में अपना नाम करते हैं ।।
भरें खुशियों का ये खजाना यूं ।
उगे का रोज सलाम करते हैं ।।
हसरतें भी देख कुछ कहती ।
बड़े इंतेज़ाम करते हैं ।।
हवा का रुख बदले कोई।
जरा काम तमाम करते हैं ।।
बना के दुनिया नयी खेदू।
मिटे जो बदनाम करते हैं ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
06-02-2024मंगलवार