2965.*पूर्णिका*
2965.*पूर्णिका*
🌷 खुद का जीवन खुद बनाते 🌷
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खुद का जीवन खुद बनाते।
दुनिया अपन वजूद बनाते ।।
जीते बाजी राह चलते ।
पानी पर से बूंद बनाते ।।
देखो गाते हँसते हैं ।
सुंदर ये खेल कूद बनाते ।।
हाल यहाँ सब बदल जाते।
मन से कुछ बारूद बनाते ।।
लेना देना रोज खेदू ।
खुशियां मौजूद बनाते ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-01-2024सोमवार