Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

2964.*पूर्णिका*

2964.*पूर्णिका*
🌷 दुनिया में सुंदर सादगी 🌷
22 22 2212
दुनिया में सुंदर सादगी।
जीवन में होती ताजगी ।।
गम क्या है जीने की खुशी ।
यूं प्यार मस्ती दीवानगी ।।
वक्त जिसके हरदम साथ है ।
बिंदास यहाँ आवारगी ।।
बेफ्रिक यूं खुद पर नाज है ।
दिल में देखो हसरत जगी ।।
प्यार जहाँ हो खेदू वहाँ ।
अपनों से क्यों नाराजगी ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-01-2024रविवार

122 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हारे प्यार की ...
तुम्हारे प्यार की ...
Nazir Nazar
याद हम बनके
याद हम बनके
Dr fauzia Naseem shad
"क्रोधित चिड़िमार"(संस्मरण -फौजी दर्शन ) {AMC CENTRE LUCKNOW}
DrLakshman Jha Parimal
"गूगल से"
Dr. Kishan tandon kranti
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
हमारे पास एक गहरा और एक चमकदार पक्ष है,
पूर्वार्थ
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
【आज का शेर】
【आज का शेर】
*प्रणय*
भगवान
भगवान
Adha Deshwal
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
Mohan Pandey
चाय दिवस
चाय दिवस
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
4847.*पूर्णिका*
4847.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
केवल पुस्तक से नहीं,
केवल पुस्तक से नहीं,
sushil sarna
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
बदमिजाज सी शाम हो चली है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
Sonam Puneet Dubey
माँ
माँ
Arvina
क्या हसीन मौसम है
क्या हसीन मौसम है
shabina. Naaz
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
कागज़ से बातें
कागज़ से बातें
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
जीभ/जिह्वा
जीभ/जिह्वा
लक्ष्मी सिंह
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
Ajit Kumar "Karn"
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
Atul "Krishn"
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
वक्त
वक्त
Prachi Verma
Loading...