2912.*पूर्णिका*
2912.*पूर्णिका*
🌷 क्या क्या नहीं होता पर्दे के पीछे 🌷
2212 22 2122 22
क्या क्या नहीं होता है पर्दे के पीछे ।
सब कुछ यहीं होता है पर्दे के पीछे ।।
आदत नहीं इंसां रोज कहते देखो।
यूं काम भी होता है पर्दे के पीछे ।।
दिन के उजाले में जिंदगी है खिलती ।
किरदार तो होता है पर्दे के पीछे ।।
रंगीन बत्तियां जलती जहाँ मनमोहक।
बलिदान ही होता है पर्दे के पीछे ।।
संजोग की है ये बात अपनी खेदू।
नेकी बना होता है पर्दे के पीछे ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
06-01-2024रविवार