2911.*पूर्णिका*
2911.*पूर्णिका*
🌷 हम वक्त के पाबंद रहे🌷
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हम वक्त के पाबंद रहे।
जीवन भी आनंद रहे।।
दुनिया है अपनी सुंदर।
मन मोहक रस छंद रहे।।
छोड़े अपनी छाप अलग।
बेफिक्र हम ना द्वंद रहे।।
मानवता की अलख जगे।
ना कोई जयचंद रहे।।
खुशियां बांटे खेदू सब ।
साथ भरोसेमंद रहे।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
06-01-2024रविवार