2884.*पूर्णिका*
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2884.*पूर्णिका*
🌷 *मिलती मंजिल छांट कर देखिए *🌷
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मिलती मंजिल छांट कर देखिए ।
जो कुछ भी है बांट कर देखिए ।।
बढ़ती खुशियाँ बांटने से यहाँ ।
ये गम क्या है बांट कर देखिए ।।
खुश किस्मत यहाँ वो जिसे हम मिले।
प्यार जहाँ बस बांट कर देखिए ।।
देखे हैं दर्द भी कहाँ ये कमी।
आकर मरहम बांट कर देखिए ।।
चाहत खेदू जिंदगी संवरे।
दुनिया में सुख बांट कर देखिए ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
03-01-2024बुधवार