2867.*पूर्णिका*
2867.*पूर्णिका*
🌷 पास रहकर दूर दूर रहते हो🌷
2122 2122 122
पास रहकर दूर दूर रहते हो ।
बात क्या सजन मजबूर रहते हो ।।
पांव रखते फूंक फूंक कर हरदम।
जानते सच बेकसूर रहते हो ।।
जिंदगी के चमकते हैं सितारें ।
अलग सबसे कोहिनूर रहते हो ।।
हम कहे तो आज मेरी तुझे जां ।
बस हमें देख मगरूर रहते हो ।।
खुशनसीब यहाँ रहे अपन खेदू।
देकर जहान भरपूर रहते हो ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-12-2023गुरूवार