2848.*पूर्णिका*
2848.*पूर्णिका*
🌷 जैसी नजर,वैसे नजारें🌷
2212 2212 2
जैसी नजर,वैसे नजारें ।
कोई दुश्मन,कोई दुलारें।।
बांटे खुशी सुंदर कहानी ।
दुख में कभी बनते सहारे ।।
बिंदास हम करते भरोसा।
जाते समझ यूं ही इशारें ।।
अपना यहाँ है पाक दामन ।
तरते जहाँ सोच बिचारें ।।
खुशियाँ यहाँ तकदीर खेदू।
जीवन लगे देखो किनारें।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-12-2023शुक्रवार