Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2023 · 1 min read

2837. *पूर्णिका*

2837. पूर्णिका
🌷 मतलबपरस्ती में लोग यहाँ🌷
22 22 22 22
मतलबपरस्ती में लोग यहाँ ।
बस आज मस्ती में लोग यहाँ ।।
बदल नहीं पाया मन अपना।
बसते न बस्ती में लोग यहाँ ।।
मुरझाए फूलों सा जीवन ।
पीछे न हस्ती में लोग यहाँ ।।
बेफिक्र लहरें उठती हरदम।
डूबे न कश्ती में लोग यहाँ ।।
बेहद प्यार करें जब खेदू ।
समझे न नस्ती में लोग यहाँ ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-12-2023बुधवार

221 Views

You may also like these posts

तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
जीवन मंत्र वृक्षों के तंत्र होते हैं
Neeraj Agarwal
----- स्वप्न सलौने -----
----- स्वप्न सलौने -----
पंकज परिंदा
दोहा पंचक. . . . . कल
दोहा पंचक. . . . . कल
sushil sarna
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
जबसे देखा शहर तुम्हारा, अपना शहर भूल गए
Shreedhar
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Arvina
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तेरे संग
तेरे संग
seema sharma
यूं मुरादे भी पूरी होगी इक रोज़ ज़रूर पूरी होगी,
यूं मुरादे भी पूरी होगी इक रोज़ ज़रूर पूरी होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पाक दामन कौन है यहां ?
पाक दामन कौन है यहां ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
खोकर सारा आसमान
खोकर सारा आसमान
Ankita Patel
वर्षा रानी आ घर तु इस बार
वर्षा रानी आ घर तु इस बार
Radha Bablu mishra
तीर नजर के पार गईल
तीर नजर के पार गईल
Nitu Sah
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
वक्त जब बदलता है
वक्त जब बदलता है
Surinder blackpen
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
23/187.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/187.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच को कभी तुम छुपा नहीं सकते
सच को कभी तुम छुपा नहीं सकते
gurudeenverma198
हमारी रूह ले गए हो।
हमारी रूह ले गए हो।
Taj Mohammad
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
लोग आपके प्रसंसक है ये आपकी योग्यता है
लोग आपके प्रसंसक है ये आपकी योग्यता है
Ranjeet kumar patre
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
- दिल की गहराइयों से -
- दिल की गहराइयों से -
bharat gehlot
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
अवधपुरी है आस लगाए
अवधपुरी है आस लगाए
Madhuri mahakash
फूल और स्त्री
फूल और स्त्री
Shweta Soni
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
थोड़ा सा ठहर जाओ तुम
थोड़ा सा ठहर जाओ तुम
शशि कांत श्रीवास्तव
Loading...