2835. *पूर्णिका*
2835. पूर्णिका
🌷 संग सग रहते कहाँ🌷
212 2212
संग सग रहते कहाँ ।
तंग पग रहते कहाँ ।।
खूबसूरत जिंदगी ।
रंग रग रहते कहाँ ।।
चमक हीरे की तरह ।
जंग जग रहते कहाँ ।।
प्यार का हमदम बने।
नंग नग रहते कहाँ ।।
जीत लो खेदू कहे।
ढंग ठग रहते कहाँ ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-12-2023मंगलवार