2834. *पूर्णिका*
2834. पूर्णिका
🌷 कौन पराया अपना देखे🌷
22 22 22 22
कौन पराया अपना देखे।
जीवन सुंदर सपना देखे।।
मंजिल मंजिल मंजिल अपनी।
किसका कितना खपना देखे।।
बसते मन में भगवान यहाँ ।
भक्त भी भक्ति में जपना देखे।।
सच भी झूठ लगे दुनिया में ।
खबरें कैसी छ्पना देखे।।
सोना बनते कुंदन खेदू ।
तपते हम तो तपना देखे।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-12-2023मंगलवार