2828. *पूर्णिका*
2828. पूर्णिका
🌷 जीवन की कहानी क्या🌷
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जीवन की कहानी क्या।
बहता निर्मल पानी क्या।।
देखे जग तमाशा बस ।
समझे हम कुर्बानी क्या।।
भूले दायित्व यहाँ सब ।
याद नहीं जुबानी क्या।।
कैसे लोग मिलते हैं ।
बात यहाँ बतानी क्या।।
खुशियाँ प्यार में खेदू।
दुनिया है सजानी क्या।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
16-12-2023शनिवार