2806. *पूर्णिका*
2806. पूर्णिका
खुश रहने की कला सीखो
22 2212 22
खुश रहने की कला सीखो।
करना अपना भला सीखो।।
जीवन आनंद है सच में ।
हो दूर यहाँ बला सीखो।।
राहत की बात क्या अपनी।
हल हो रोज मसला सीखो।।
अपने बनते रिश्तें सुंदर।
रखना तुम फासला सीखो।।
दुनिया अपनी मुठ्ठी खेदू।
जीत यहाँ हौसला सीखो।।
……✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
09-12-2023शनिवार