2802. *पूर्णिका*
2802. पूर्णिका
*तेरी एक मुस्कराहट *
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तेरी एक मुस्कराहट ।
कर देती दूर थकावट ।।
सुंदर सा ख्वाब अपना।
है दिल में सुगबुगाहट ।।
प्यार यहाँ रंग भरते।
देख अचंभित बनावट ।।
ताजुब की ठंड होती ।
न रिश्तों में गर्माहट ।।
दुनिया खेदू हसीं है।
लाते हम जगमगाहट ।।
……✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
07-12-2023गुरुवार