2790. *पूर्णिका*
2790. पूर्णिका
चाहत अपनी खुशियाँ बांटे
22 22 22 22
चाहत अपनी खुशियाँ बांटे ।
प्यार यहाँ ये दुनिया बांटे ।।
तरक्की की राह चले हम तो ।
महके महके बगियाँ बांटे ।।
साथ निभाते साथी देखो।
नेकी कर दिल दरिया बांटे ।।
संभालों जो आज मिला है।
बहती धारा नदियाँ बांटे ।।
राज बताते हरदम खेदू ।
करके छल ना छलिया बांटे ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-12-2023मंगलवार