2788. *पूर्णिका*
2788. पूर्णिका
जिंदगी में तुम मिल गई हो
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जिंदगी में तुम मिल गई हो ।
तोहफा सा सच मिल गई हो ।।
बदलते मौसम आज देखो।
बस खुशी मेरी, मिल गई हो ।।
काम सफल यहाँ देख मेरा ।
किस्मत बदली यूं मिल गई हो ।।
बरसते बादल झूम कर अब।
चैन सुख सुंदर मिल गई हो ।।
सोच कर खेदू क्या करेगा।
चहकती पंछी मिल गई हो ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-12-2023मंगलवार