2775. *पूर्णिका*
2775. पूर्णिका
जिंदगी का सफर जारी है
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जिंदगी का सफर जारी है ।
यूं कभी ना हिम्मत हारी है ।।
देख दुनिया वक्त बदल कर तू।
रोज खुशियाँ अपन सारी है ।।
रौशनी की बात करते हम ।
आरती बस जग उतारी है ।।
सच लगा देते किनारें पर ।
आज कश्तियाँ नेक प्यारी है ।।
हँसते रोते जहाँ है खेदू।
बस मस्ती में मस्त सवारी है ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
01-12-2023शुक्रवार