Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2023 · 1 min read

2742. *पूर्णिका*

2742. पूर्णिका
घोड़े बेच कर सोना सोते हैं
22 2122 22 22
घोड़े बेच कर सोना सोते हैं ।
वक्त का आज जो रोना रोते हैं ।।
मौसम बदल जाते हैं अक्सर यहाँ।
होता किस्मत में होना होते हैं ।।
सच भी देखते सपनीली दुनिया ।
उगते बीज हम बोना बोते हैं ।।
मरहम घाव भर जाते हैंअपने।
रगड़-रगड़ यहाँ धोना धोते हैं ।।
मंतर फूँक देते हरदम खेदू।
अब जादू कहाँ टोना होते हैं ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
21-11-2023मंगलवार

1 Like · 325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक
गुमनाम 'बाबा'
#बाक़ी_सब_बेकार 😊😊
#बाक़ी_सब_बेकार 😊😊
*प्रणय*
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
How to say!
How to say!
Bidyadhar Mantry
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिनकर तुम शांत हो
दिनकर तुम शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
दिल दिमाग़ के खेल में
दिल दिमाग़ के खेल में
Sonam Puneet Dubey
शिकवा ,गिला
शिकवा ,गिला
Dr fauzia Naseem shad
*दिल के रोग की दवा क्या है*
*दिल के रोग की दवा क्या है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे कहूँ किसको कहूँ
कैसे कहूँ किसको कहूँ
DrLakshman Jha Parimal
"क्यूं किसी को कोई सपोर्ट करेगा"
Ajit Kumar "Karn"
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गोरा है वो फिर भी काला लगता है।
गोरा है वो फिर भी काला लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
Ravikesh Jha
"फुटपाथ"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता के जाने के बाद स्मृति में
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कर्बला में जां देके
कर्बला में जां देके
shabina. Naaz
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अब थोड़ा हिसाब चेंज है,अब इमोशनल साइड  वाला कोई हिसाब नही है
अब थोड़ा हिसाब चेंज है,अब इमोशनल साइड वाला कोई हिसाब नही है
पूर्वार्थ
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*अब न वो दर्द ,न वो दिल ही ,न वो दीवाने रहे*
*अब न वो दर्द ,न वो दिल ही ,न वो दीवाने रहे*
sudhir kumar
Style of love
Style of love
Otteri Selvakumar
दोस्ती का मर्म (कविता)
दोस्ती का मर्म (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
3469🌷 *पूर्णिका* 🌷
3469🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...