चंद्रयान-3
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*** यार मार ने कसर ना छोड़ी ****
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
मेरी सुखनफहमी का तमाशा न बना ऐ ज़िंदगी,
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
एक ऐसा किरदार बनना है मुझे
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "