2739. *पूर्णिका*
2739. पूर्णिका
मन अपना हो सुंदर
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मन अपना हो सुंदर।
बस सपना हो सुंदर ।।
खुशियाँ बांटे हरदम।
यूं दुनिया हो सुंदर ।।
महके महके जीवन।
ये बगियां हो सुंदर ।।
बुलंद आज इरादा ।
सोच यहाँ हो सुंदर ।।
रामकहानी खेदू।
गीत नया हो सुंदर।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-11-2023रविवार