2731.*पूर्णिका*
2731.*पूर्णिका*
🌷 ये खुशहाल जानकर अच्छा लगा🌷
22 212 22 212
ये खुशहाल जानकर अच्छा लगा।
तुमसे हार मानकर अच्छा लगा ।।
अपनी मंजिलें अपनी जिंदगी।
सीना खूब तानकर अच्छा लगा ।।
दुनिया बेहतर करते परवरिश ।
संकल्प साथ ठानकर अच्छा लगा।।
धारा समय की बहती है यहाँ ।
पीते रोज छानकर अच्छा लगा ।।
पूरे ख्वाब खेदू अपना जहाँ ।
दिल पहचान कर अच्छा लगा।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
16-11-2023 गुरुवार