बात जुबां से अब कौन निकाले
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
चलो, इतना तो पता चला कि "देशी कुबेर काला धन बांटते हैं। वो भ
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
*अपनी मस्ती में जो जीता, दुख उसे भला क्या तोड़ेगा (राधेश्याम
मेरे साथ किया गया दुर्व्यवहार अच्छा नहीं होता
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
शालिग्राम तुलसी कहलाई हूँ