अंजाम
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
*सपने जैसी जानिए, जीवन की हर बात (कुंडलिया)*
जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
रहता है जिसका जैसा व्यवहार,
गीत- अँधेरों को हरा रोशन...
*** " हम तीन मित्र .........! " ***
अधूरे रह गये जो स्वप्न वो पूरे करेंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
दिल से कह देना कभी किसी और की
Are you strong enough to cry?