तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
शब्दों की चाहत है हृदय में उनके,
"UG की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
बाबू मेरा सोना मेरा शेर है
हमारी शान है हिन्दी, हमारा मान है हिन्दी।
हौसलों के दिये आँखों में छिपा रक्खे हैं,
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
*बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट*
छेड़छाड़ अच्छी नहीं, अग्निकुंड के साथ
औरों पर ठीकरे फोड़ने से ज़्यादा अच्छा है, ख़ुद के गिरहबान में झ