Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2023 · 1 min read

2725.*पूर्णिका*

2725.*पूर्णिका*
🌷 मेरी छोटी-सी दुनिया
🌷
22 22 22 2
मेरी छोटी सी दुनिया ।
सुंदर न्यारी सी दुनिया ।।
ये जीवन महके हरदम।
मेरी प्यारी-सी दुनिया ।।
अपना हो आज हिस्सा तुम।
राज दुलारी सी दुनिया।।
प्यार यहाँ मांगे दिल भी ।
हो न कटारी सी दुनिया ।।
रंग नया रंगे खेदू ।
ये पिचकारी सी दुनिया ।।
…………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
13-11-23 सोमवार

322 Views

You may also like these posts

जाल मोहमाया का
जाल मोहमाया का
Rekha khichi
" इस दुनिया को "
Dr. Kishan tandon kranti
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
रमेशराज के विरोधरस दोहे
रमेशराज के विरोधरस दोहे
कवि रमेशराज
ज्ञान नहीं है
ज्ञान नहीं है
Rambali Mishra
जब लिखती हूँ मैं कविता
जब लिखती हूँ मैं कविता
उमा झा
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
तुम्हारा नंबर
तुम्हारा नंबर
अंकित आजाद गुप्ता
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
आपके पास धन इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि आपकी व्यावसायिक पक
Rj Anand Prajapati
ईश्वर प्रेम पियासा
ईश्वर प्रेम पियासा
Sanjay ' शून्य'
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
मधुसूदन गौतम
*वृद्धाश्रम*
*वृद्धाश्रम*
Priyank Upadhyay
विषय:गुलाब
विषय:गुलाब
Harminder Kaur
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुकुमारी जो है जनकदुलारी है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
4378.*पूर्णिका*
4378.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हरवक्त तुम मेरे करीब हो
हरवक्त तुम मेरे करीब हो
gurudeenverma198
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
किसी ने खुशी लौटाया किसी ने राहत
किसी ने खुशी लौटाया किसी ने राहत
नूरफातिमा खातून नूरी
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
बेशर्मी ही तो है
बेशर्मी ही तो है
लक्ष्मी सिंह
"मेरी प्यारी दादी माँ "
CA Amit Kumar
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
आप खुद का इतिहास पढ़कर भी एक अनपढ़ को
शेखर सिंह
माया
माया
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
..
..
*प्रणय*
"मुझे हक सही से जताना नहीं आता
पूर्वार्थ
आइए मेरे हृदय में
आइए मेरे हृदय में
indu parashar
Loading...