2724.*पूर्णिका*
2724.*पूर्णिका*
🌷*मेरी छोटी-सी दुनिया का हिस्सा हो तुम*🌷
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मेरी छोटी सी दुनिया का हिस्सा हो तुम।
महके मन रोज मधुरता का किस्सा हो तुम।।
होता है जीवन वो जो किस्मत में रहता।
बस मेरी आस सफलता का किस्सा हो तुम ।।
सागर की लहरें कहती है बहुत कुछ सच ।
अपने साहिल से साहिल का किस्सा हो तुम ।।
ये सुंदर कुदरत का कानून भी चलता।
अनुपम सा नजर नजारों का किस्सा हो तुम ।।
रातों में चांद सितारें चमकते खेदू।
नेक यहाँ मेरे जीवन का किस्सा हो तुम ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
13-11-23 सोमवार