बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अकेले बन नहीं सकती कभी गीतों की ये लड़ियाँ !
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
सुख दुख जीवन का संगम हैं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
यूं मुरादे भी पूरी होगी इक रोज़ ज़रूर पूरी होगी,
ऋतुराज
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं