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12 Nov 2023 · 1 min read

2718.*पूर्णिका*

2718.*पूर्णिका*
🌷 मिटाता है यूं अंधेरा दीया🌷
1222 22 22 22
मिटाता है यूं अंधेरा दीया ।
दिलाता है नवल सबेरा दीया।।
जहाँ जीवन सँवरता फूलों सा।
बनाता मन रैन बसेरा दीया ।।
दया धरम यहाँ नेक करम देखो।
सिखाता रख सुरक्षा घेरा दीया ।।
मिटा जाती है सब अभिमान यहाँ।
बताता तेरा ना मेरा दीया ।।
कहानी भी कहते सुनते खेदू ।
बजाता है बीन सपेरा दीया ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
12-11-23 रविवार(दीपावली )

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