आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
मैं तुमको जी भर प्यार करूँ,
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
यही सोचकर आँखें मूँद लेता हूँ कि.. कोई थी अपनी जों मुझे अपना
*आओ पूजें कृष्ण को, पूजित जिनसे गाय (कुंडलिया)*
सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
मिला है जब से साथ तुम्हारा