2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
प्रेम का दीया जलाया करो
212 2212 212
प्रेम का दीया जलाया करो ।
हाथ दोस्ती का बढ़ाया करो ।।
बदल जाएगी ये दुनिया यहाँ ।
हुनर अपनी आजमाया करो ।।
हाल क्या बेहाल क्या जिंदगी ।
चमन भी अपना सजाया करो ।।
बदल जाती है किस्मत मेहनत।
ध्यान मंजिल पर लगाया करो ।।
जीत है खेदू पक्की देख लो ।
दुश्मन को रण में मिटाया करो ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
09-11-23 गुरुवार