आवो रे मिलकर पौधें लगायें हम
एक हिम्मत, एक उम्मीद जगानी है,
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।
AMC (आर्मी) का PAY PARADE 1972 -2002” {संस्मरण -फौजी दर्शन}
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
बड़े एहसानफ़रामोश - बेगैरत हैं वो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
#तुझसे बिछुड़ क्यों आया
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
बुद्ध रूप में गुरू बन गये