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9 Nov 2023 · 1 min read

2704.*पूर्णिका*

2704.*पूर्णिका*
खुशियों के दीप जले
22 22 22
खुशियों के दीप जले।
यूं प्यार समीप मिले ।।
दुनिया प्यारी अपनी ।
जीवन का सीप मिले।।
बस इंसानियत यहाँ ।
दिल नेक शरीफ मिले ।।
महके मन बगियां भी ।
हरदम तारीफ मिले ।।
संदेश यहाँ खेदू ।
न कभी तकलीफ मिले।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
09-11-23 गुरुवार

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