*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
हर मौहब्बत का एहसास तुझसे है।
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
इत्र जैसा बहुत महकता है ,
हारों की राहों से मैं चलता जा रहा हूँ,
यूं प्यार में ज़िंदगी भी तबाह हो जाती है,
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
जो थक बैठते नहीं है राहों में